Tuesday, July 27, 2010

कहीं दूर......

For that someone special in your life...
आ उड़ चलें कहीं दूर....
जहाँ बस तू हो मेरे साथ,
जहाँ मिट्टी में हो मिठास,

जहाँ पत्ते भी गीत गायें,
जहाँ तेरे होंठ बस मुस्कुराएं.

आ उड़ चलें कहीं दूर...

पानी वहां का नीला हो,
और धारा हो हसीं.

एक आशियाँ वहां रंगीला हो,
जहाँ हमनशीं हो करीब.

आ मेरे साथ, कर मेरा इख्तियार...

तेरे हसीन बदन को संभल मैं,
ले जाऊं कहीं उस पार मैं

जहाँ जहान की बातें न हों,
जहान छुपे इरादे न हों,

जहान तेरी हंसी की गूँज से झूमे जमीन आसमां,
जहान तेरी प्यारी खुसबू से खिले फूल और बागियाँ

जहान तेरे पैरों की चाप से हो नयी सुबह,
जहान तेरे सोने की चाह से हो जाए अँधेरा.


अब तो आ मेरे सनम... अब तो आ... अब तो आ...

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